*विजयादशमी🔱शुभ हो* हमारी आत्मा राम है, हमारा मन सीता है, हमारी श्वास-प्राण हनुमान है, हमारा चेतन लक्ष्मण है और हमारा अहंकार रावण है। जब अहंकार ने मन का हरण कर लिया तो आत्मा बेचैन हो उठी। अब आत्मा अपने आप मन तक नहीं पहुंच सकती, उसे प्राण व चेतन का सहारा लेना पड़ता है। प्राण व चेतन की सहायता से मन आत्मा से जुड़ गया और अहंकार विलीन हो गया। दशहरे के दिन हम *आत्मा की अहंकार पर विजय* प्राप्त करके जीवन का एक नया अध्याय शुरू करें। दशहरे की शुभकामनाएं PVC pipe and fittings SWR pipes and fittings Cpvc pipe and fittings uPVC pipe and fittings Somany bathware CP and Sanitary kitchen steel sink faucets
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